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21 Jan 2021 · 1 min read

आया है वासंती मौसम

आया है बासंती मौसम,पुष्प खिला मन उपवन में ।
प्रेम-गंध पा मुग्ध भ्रमर-सा,थिरक रहा मन आँगन में।
मादकता सुरभित साँसों में,प्रेम कोंपलें महक रही-
प्रणय बद्ध होने को आतुर,भरी प्रीत नव यौवन में।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 269 Views
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