आया है प्रवेशोत्सव
(शेर)- नहीं रहे अब शिक्षा से वंचित, कोई बच्चा किसी घर में।
इसीलिए आया है यह प्रवेशोत्सव, हर गाँव- हर शहर में।।
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आया है प्रवेशोत्सव, सन्देश यह सबके लिए लेकर।
अपने बच्चों को प्रवेश, दिलाओ स्कूल तुम चलकर।।
आया है प्रवेशोत्सव———————–।।
जो भी छः वर्ष की आयु के , बड़े बच्चें हैं घर में।
नहीं रखो उनको ऐसे, रोककर अपने तुम घर में।।
बनाओ उनको तुम शिक्षित, उनको स्कूल भेजकर।
अपने बच्चों को प्रवेश, दिलाओ स्कूल तुम चलकर।।
आया है प्रवेशोत्सव———————-।।
जीवन में रोशनी- विकास, यह शिक्षा ही लाती है।
उज्जवल भविष्य और ख्वाब, शिक्षा ही बनाती है।।
देती है सबको एक ताकत, शिक्षा एक शेरनी बनकर।
अपने बच्चों को प्रवेश, दिलाओ स्कूल तुम चलकर।।
आया है प्रवेशोत्सव——————–।।
सरकारी स्कूल और शिक्षक, बहुत ही काबिल- उत्तम है।
निःशुल्क शिक्षा- पुस्तकें हैं, सुविधाऐं भी नहीं कम है।।
हमें तुम अपने बच्चें दो, सौपेंगे तुम्हें उनको शिक्षित कर।
अपने बच्चों को प्रवेश, दिलाओ स्कूल तुम चलकर।।
आया है प्रवेशोत्सव——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)