आया फागुन (कुंडलिया)
आया फागुन (कुंडलिया)
आया फागुन स्वागतम ,अभिनंदन ऋतुराज
अंतरिक्ष से आ रही , बंसी की आवाज
बंसी की आवाज , साँस में मस्ती छाती
गई शीत की रात , पवन चलती मुस्काती
कहते रवि कविराय , गीत पेड़ों ने गाया
फूलों का मकरंद , चूसने भौंरा आया
बंसी = बाँसुरी
मकरंद = फूलों का रस
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451