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13 Sep 2024 · 1 min read

°°आमार साद ना मिटिलो…..??

आप हैरान होंगे कि ये शीर्षक कैसा है,दरअसल ये शीर्षक बंगाली में लिखा है जिसका अर्थ ‘ मेरा स्वाद नहीं मिटा ‘ ।
मेरा कहने का तात्पर्य यह है कि हम जीवन में जितनी भी उपलब्धि हासिल कर ले हमारा इच्छा , आकांक्षा कभी भी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होता। हम हमेशा ही और ज्यादा मिलने की आशा में अग्रसर रहते है , वास्तव में हमारा मानव जीवन ही इच्छाओं के मायाजाल में जकड़ा हुआ है इससे निकालना बहुत मुश्किल है।
हमे भलीभांति पता है की सभी काल के बंधन में है मृत्यु हमारा बेसब्री से इंतजार कर रही है। जो जन्म लिया है उसका मृत्यु निश्चित है , लेकिन मानव जीवन कर्म प्रधान है हमें फल की कामना किए बिना कर्म करते रहना होगा यही प्रकृति का नियम है।
श्रीकृष्ण ने श्रीमद भगवतगीता में कहे हैं –
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
।। त्रुटि हेतु क्षमाप्रार्थी ।।
Bimal Rajak

Language: Hindi
27 Views
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