आभासी दुनिया का प्यार
{ आभासी दुनिया का प्यार }
आभासी दुनिया के अनुभव जिंदगी की तरह ही कुछ खट्टे तो कुछ मीठे भी होते हैं यहां झुठ फरेब धोखा लालच वासना से ग्रसित लोगों की भरमार है ।
तो कहीं दो अनजान लोगों के प्यार , तो जीवन साथी बन का साथ चलने और विवाह बंधन में बंधे सफल दाम्पत्य जीवन के भी काफी उदाहरण है।
अच्छे और बुरे लोग तो हमारे आस पास भी बहुत होते हैं । मगर उन्हें पहचानने का चश्मा शायद किसी के पास नहीं है इसलिए अक्सर ही लोग धोखा खा जाते हैं ।
प्रिया एक साधारण सी दिखने वाली,पढ़ी लिखी ग्रेजुएट वह बहुत ही समझदार लड़की थी।
फेसबुक पर फ्रेंड लिस्ट में उसके भी बहुत से
लड़के लड़कियां फ्रेंड थे । जिन्हें बहुत सोच समझ कर ही वह अपनी फ्रेंड लिस्ट में शामिल करती थी।
कुछ दिनों पहले ही उसने राज की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार की थी। फोटो में स्मार्ट भी लग रहा था।उसके चेटिंग का सलिका उसे बहुत पसंद आया था । राज भी पढ़ा लिखा लड़का था । और अपना ग्रेजुएशन कम्पलिट कर रहा था ।धीरे धीरे बातों का सिलसिला बढ़ता गया पहले मैसेंजर फिर वाट्सअप फिर मोबाइल से भी बातें होने लगी ।
राज हमेशा ही उसकी सुन्दरता की तारीफ करते रहता । प्रिया को राज का तारीफ करने का अंदाज बहुत पसंद आता । हालांकि वह इस बात से अनभिज्ञ नहीं थी की उतनी सुंदर वह है नहीं जितनी राज उसकी तारीफ करता है। बातों बातों में ही उसका केयर करना उसका फिक्र करना धीरे-धीरे चाहत में बदलने लगा ।
राज ने कभी भी अपनी मर्यादा का उलंघन नहीं किया हमेशा एक अच्छे दोस्त की तरह ही बात की थी अतः राज के दिल में क्या है प्रिया अब तक जान न सकी थी । वह भी उसे चाहता है या नहीं ? फिर भी हिम्मत करके एक दिन राज से अपने प्यार का इजहार कर दिया ।
तुम मुझे भी अच्छी लगती हो,पर कुछ भी जवाब देने से पहले मैं तुमसे मिलना चाहता हूं । तुम जब भी चाहो मैं तुम्हारे शहर आ जाऊंगा ।
राज की सच्चाई प्रिया को बहुत पसंद आई
वह भी तो मिलना चाहती थी। प्रोग्राम तय हुआ निश्चित दिन वह समय पर मुलाकात हुई दोनों काफी देर तक बातें करते रहे राज की बातों से
प्रिया काफी प्रभावित हुई । राज ने भी उसके प्यार को स्वीकार कर लिया मगर साथ ही यह भी कहा की वह अभी तीन साल तक शादी नहीं कर सकता क्योंकि अभी दो साल पढ़ाई के बाकी है और फिर जाब मिलने के बाद ही शादी करना उचित होगा । तब तक हम ऐसे ही मिलते रहेंगे ।
प्रिया को अच्छा तो नहीं लगा फिर भी मान गई ।
प्रिया लंच करके उठी ही थी की डोरबेल बजी दरवाज़ा खोला तो सामने मधु को देख खुशी से लिपट गई ।
” तू कब आई ससुराल से ”
अभी आधा घंटा पहले ही,और आते ही तुझसे मिलने आ गई ।
मधु और प्रिया दोनों बचपन की सहेलियां थी दोनों एक दूसरे पर जान छिड़कती थी । बातों ही बातों में मधु ने पुछा क्या हाल है तेरे अब तक कोई पसंद आया की नहीं ? और नहीं आया है तो
तेरी शादी अपने देवर से करा देती हूं ।
“नहीं करनी मुझे तेरे देवर से शादी ” और राज के विषय में सब कुछ बता दिया । वाह ये मेरी शेरनी कहीं ये राज यही तो नहीं अपने मोबाइल में फोटो दिखा कर पुछा ।
हां यही तो है पर तेरे मोबाइल में राज की फोटो कैसे ? प्रिया ने हड़बड़ा कर पुछा ।
बताती हूं बताती हूं इतनी उतावली क्यों हुई जा रही है” राज मेरा देवर ही है” वह दिल्ली में पढ़ता है और हमारी शादी में एग्जाम की वजह से नहीं आ सका था शादी के विडियो में तुझे देख पसंद कर लिया और जब मुझे बताया तो मेरी खुशी का ठिकाना ही न रहा की यदि ऐसा हो जाए तो हम दोनों फिर साथ हो जाएंगे । मैंने कहा मैं बात करती हूं तो मना कर दिया ” नहीं भाभी ऐसे बात हुई तो हो सकता है आ वजह से मान जाए पर मैं चाहता हूं की वह मेरी जिंदगी में आए तो सिर्फ मुझे पसंद करके आए । और राज ने यह कर दिखाया ।
प्रिया सोचने लगी क्या मैं वाकई इतनी खुशनसीब हूं राज का इतना प्यार देख आंखें भर आईं और मधु ने उसे लिपटा लिया । आभासी दुनिया से शुरू हुआ यह सफर इतने प्यारे अंदाज में अपने मुकाम तक पहुंचेगा इसकी तो कल्पना भी नहीं थी ।
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हैदराबाद