आबाद हो ये चमन, तेरे करम से ऐ मेरे खुदा
1.
आबाद हो ये चमन, तेरे करम से ऐ मेरे खुदा
कुछ चाँद बन चमके , कुछ सितारे इस ज़मीं पर
2.
आखिर कहाँ जाकर रुकेगा, ये ख्वाहिशों का सफ़र
गोया चार दिन की जिन्दगी, ख्वाहिशों पर निसार दी
1.
आबाद हो ये चमन, तेरे करम से ऐ मेरे खुदा
कुछ चाँद बन चमके , कुछ सितारे इस ज़मीं पर
2.
आखिर कहाँ जाकर रुकेगा, ये ख्वाहिशों का सफ़र
गोया चार दिन की जिन्दगी, ख्वाहिशों पर निसार दी