आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना।
नहीं मोड़ना मुँह सच से, नेक कदम रखना।।
आबाद वतन रखना————————।।
नहीं कोई पराया इस जहां में, यह धरती है हम सबकी।
मिलकर रहें हम यहाँ सबसे, यही सोच हो हम सबकी।।
सबको खुशी यहाँ देना, सबको खुश यहाँ रखना।
आबाद वतन रखना————————।।
हम बोले बोल यहाँ ऐसे, जो सबको लगे प्यारे।
नहीं पहुंचे चोट किसी को, हम सबको लगे प्यारे।।
प्रीत सबसे यहाँ रखना, रीत दिल की यही रखना।
आबाद वतन रखना————————।।
आज़ाद हुआ है कैसे वतन, मालूम नहीं यह हमको।
देकर वीरों ने अपना बलिदान, आबाद किया है हमको।।
बदनाम उनको नहीं करना, ख्याल सदा यही रखना।
आबाद वतन रखना————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)