Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2017 · 1 min read

आफत मे है जान

बिन पानी सब सून है, सत्य समझ इंसान !
किल्लत से अब नीर की,आफत में है जान !!

पानी का ढूँढा नहीं, हमने हल श्रीमान !
कहना जायज आपका, आफत में हैं जान !!

सोलह आने सत्य है, खतरे में हैं जान !
नदी सरोवर ताल पर ,दिया नहीं जो ध्यान !!

बिन पानी इंसान की , आफत में है जान !
हो चाहे वो राम फिर, या हो वो रहमान !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
सूरज - चंदा
सूरज - चंदा
Prakash Chandra
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
'अशांत' शेखर
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
चिंतन
चिंतन
Dr.Pratibha Prakash
जीवन की नैया
जीवन की नैया
भरत कुमार सोलंकी
* सड़ जी नेता हुए *
* सड़ जी नेता हुए *
Mukta Rashmi
सब खो गए इधर-उधर अपनी तलाश में
सब खो गए इधर-उधर अपनी तलाश में
Shweta Soni
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
Jitendra kumar
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
नज़रें!
नज़रें!
कविता झा ‘गीत’
कुछ मासूम स्त्रियाँ!
कुछ मासूम स्त्रियाँ!
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
" सूरज "
Dr. Kishan tandon kranti
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
Piyush Goel
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
सरयू
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
4085.💐 *पूर्णिका* 💐
4085.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो बदल रहे हैं।
वो बदल रहे हैं।
Taj Mohammad
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
सब कुछ हमे पता है, हमे नसियत ना दीजिए
सब कुछ हमे पता है, हमे नसियत ना दीजिए
पूर्वार्थ
दीवानी कान्हा की
दीवानी कान्हा की
rajesh Purohit
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
Ravi Prakash
I've lost myself
I've lost myself
VINOD CHAUHAN
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
Gouri tiwari
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...