आफत मे है जान
बिन पानी सब सून है, सत्य समझ इंसान !
किल्लत से अब नीर की,आफत में है जान !!
पानी का ढूँढा नहीं, हमने हल श्रीमान !
कहना जायज आपका, आफत में हैं जान !!
सोलह आने सत्य है, खतरे में हैं जान !
नदी सरोवर ताल पर ,दिया नहीं जो ध्यान !!
बिन पानी इंसान की , आफत में है जान !
हो चाहे वो राम फिर, या हो वो रहमान !!
रमेश शर्मा