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16 Jun 2024 · 1 min read

आफताब भी ख़ूब जलने लगा है,

आफताब भी ख़ूब जलने लगा है,
सुना है कि शाम यूं ढलने लगा है
चांदनी रात भी आ गई सजकर,
रंगीन सितारों से बात करने लगा है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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