आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें…
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें…
पर रोजाना नियमित ढंग से करें!
काम कब सम्पन्न हो जाएगा,
आपको पता ही नहीं चलेगा!
पर उसे आप कल पे छोड़ेंगे,
कभी आज नहीं कल कहेंगे,
तो कभी कल नहीं परसों करेंगे,
तो आप खुद को पीछे धकेलेंगे,
काम इतना जमा हो जाएगा…
कि आप पूरा नहीं कर सकेंगे!
…. अजित कर्ण ✍️