कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
कई बार हमें वही लोग पसंद आते है,
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
*** " आधुनिकता के असर.......! " ***
अतीत कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
जीवन में सफलता पाने के लिए तीन गुरु जरूरी हैं:
प्रतिशोध
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
यूं तेरी आदत सी हो गई है अब मुझे,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'