आप अभी बाहर जी रहे हैं, असली हीरा अंदर है ना की बाहर, बाहर त
आप अभी बाहर जी रहे हैं, असली हीरा अंदर है ना की बाहर, बाहर तो बस सब मिट्टी है। हमें अंदर आना चाहिए ताकि हम नजदीक से सभी आंतरिक सरंचना को देख सके।
~ रविकेश झा
आप अभी बाहर जी रहे हैं, असली हीरा अंदर है ना की बाहर, बाहर तो बस सब मिट्टी है। हमें अंदर आना चाहिए ताकि हम नजदीक से सभी आंतरिक सरंचना को देख सके।
~ रविकेश झा