*आपा-धापी*
दौलत की आपा-धापी में ईश्वर तो है भूल गया
चहुंओर है झूठ का राज सच का पलड़ा झूल गया
नैतिकता की सारी बातें सिर्फ किताबों में सिमटी
नश्वर जग की माया पा इंसान नशे में फूल गया
धर्मेन्द्र अरोड़ा
दौलत की आपा-धापी में ईश्वर तो है भूल गया
चहुंओर है झूठ का राज सच का पलड़ा झूल गया
नैतिकता की सारी बातें सिर्फ किताबों में सिमटी
नश्वर जग की माया पा इंसान नशे में फूल गया
धर्मेन्द्र अरोड़ा