आपके ही बीच का ___ घनाक्षरी
बोल बोल मीठा बोल चुना न लगाइए जी।
सीधा सादा आदमी हूं, आपके ही बीच का।।
तोल में भी मारते हो मोल मनमाना लेते।
अनपढ़ आदमी हूं आपके ही बीच का।।
है टूटा फूटा घर टप टप पानी टपके।
मजबूर आदमी हूं आपके ही बीच का।।
कोई तो तरस खाओ आओ मेरे पास आओ।
आदमी हां आदमी हूं आपके ही बीच का।।
राजेश व्यास अनुनय