Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2024 · 1 min read

आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।

आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।
वही बाहर परिलक्षित होता है।
RJ Anand Prajapati

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*निर्बल-असहाय अगर तुम हो, ईश्वर का प्रतिदिन ध्यान धरो (राधेश
*निर्बल-असहाय अगर तुम हो, ईश्वर का प्रतिदिन ध्यान धरो (राधेश
Ravi Prakash
मन तो करता है मनमानी
मन तो करता है मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"दोस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शस्त्र संधान
शस्त्र संधान
Ravi Shukla
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
Shweta Soni
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
3008.*पूर्णिका*
3008.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनबऽ त हँसबऽ तू बहुते इयार
सुनबऽ त हँसबऽ तू बहुते इयार
आकाश महेशपुरी
अतीत की रोटी
अतीत की रोटी
पंकज कुमार कर्ण
दरख्त
दरख्त
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
Mahima shukla
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
दस्तूर जमाने का निभाया भी नहीं था
दस्तूर जमाने का निभाया भी नहीं था
अरशद रसूल बदायूंनी
अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार  पे बिखर जाने दो।
अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार पे बिखर जाने दो।
sushil sarna
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
Dr. Sunita Singh
"जलाओ दीप घंटा भी बजाओ याद पर रखना
आर.एस. 'प्रीतम'
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
रिश्ता
रिश्ता
Santosh Shrivastava
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
shabina. Naaz
जन्मदिवस विशेष 🌼
जन्मदिवस विशेष 🌼
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
*प्रणय*
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
नेह ( प्रेम, प्रीति, ).
नेह ( प्रेम, प्रीति, ).
Sonam Puneet Dubey
अपने किरदार को किसी से कम आकना ठीक नहीं है .....
अपने किरदार को किसी से कम आकना ठीक नहीं है .....
कवि दीपक बवेजा
Loading...