आपके छोटे-छोटे मीठे आचार-व्यवहार,
आपके छोटे-छोटे मीठे आचार-व्यवहार,
लोगों के मन को कितना सुकून पहुॅंचाते हैं…
इसका अंदाज़ा, सहज नहीं लगा सकते!
आपकी वाणी से निकले तीखे वाण,
लोगों के हृदय को कितनी छलनी करते हैं…
खुद पर बीतती है जब, तभी हम समझते हैं!
…. अजित कर्ण ✍️