आपके आने से
जल उठा हर दिया आपके आने से
हर कली खिल गई आपके आने से
महकी महकी हवा भी ये होने लगी
और महका समाँ आपके आने से
चहचहाते हुए मन का पंछी कहे
हर घड़ी आपका साथ मिलता रहे
सुर्ख़ इतनी नहीं थी कभी भी हिना
रंग खिलने लगे आपके आने से
आपके वास्ते ही ये जयकार है
आपका आगमन कोई त्योहार है
ईद होली दिवाली सभी आज हैं
मन में उत्साह है आपके आने से
ख़ुश-नसीबी हमारी कि आप आए है
रंग और नूर भी साथ ले आए है
ये ज़मीं ख़ुश हुई आसमाँ ख़ुश हुआ
आपके आने से आपके आने से
-जॉनी अहमद ‘क़ैस’