Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2022 · 1 min read

आपकी सोच

लफ्जों की अदायगी, आपकी सोच को ही नहीं बल्कि आपकी तालीम और तरबीयत को भी जाहिर करती है इसलिए आप जब भी लफ्जों की अदायगी लिखते या बोलते समय करें तो इस बात का ज़रूर ध्यान रखें कि आपके लफ़्ज़ आपकी शख़्सियत का आईना होते हैं और यह आपके ऊपर निर्भर करता है के आप खुद को कैसा देखना पसंद करते हैं ।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
8 Likes · 216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
5 हाइकु
5 हाइकु
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🙅आज🙅
🙅आज🙅
*प्रणय प्रभात*
रुक्मिणी संदेश
रुक्मिणी संदेश
Rekha Drolia
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
Manoj Mahato
अगर कभी मिलना मुझसे
अगर कभी मिलना मुझसे
Akash Agam
तेवरी का आस्वादन +रमेशराज
तेवरी का आस्वादन +रमेशराज
कवि रमेशराज
*सुबह उगा है जो सूरज, वह ढल जाता है शाम (गीत)*
*सुबह उगा है जो सूरज, वह ढल जाता है शाम (गीत)*
Ravi Prakash
" जल "
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में दबे कुछ एहसास है....
दिल में दबे कुछ एहसास है....
Harminder Kaur
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सागर ने भी नदी को बुलाया
सागर ने भी नदी को बुलाया
Anil Mishra Prahari
होली के हुड़दंग में ,
होली के हुड़दंग में ,
sushil sarna
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
शिव प्रताप लोधी
जब एक ज़िंदगी
जब एक ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
देश के राजनीतिज्ञ
देश के राजनीतिज्ञ
विजय कुमार अग्रवाल
नदी का किनारा ।
नदी का किनारा ।
Kuldeep mishra (KD)
जो हमने पूछा कि...
जो हमने पूछा कि...
Anis Shah
कविता : नारी
कविता : नारी
Sushila joshi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
☀️ओज़☀️
☀️ओज़☀️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बहुत मशरूफ जमाना है
बहुत मशरूफ जमाना है
नूरफातिमा खातून नूरी
LOVE-LORN !
LOVE-LORN !
Ahtesham Ahmad
!! घड़ी समर की !!
!! घड़ी समर की !!
Chunnu Lal Gupta
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
Ravikesh Jha
"एक विचार को प्रचार-प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है
शेखर सिंह
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...