आपकी कुछ और ही बात है
यूं तो मिलते थे रोज़ ही कुछ लोग
पर आपकी कुछ और ही बात है।
आपके आने से जैसे हर दिन
उजला और चांदनी हर रात है।
आपके लिए हो न हो पर मेरे लिए
जरूरी एक मुलाकात है।
कैसे कहूं कि कहां नहीं हो आप
अब तो आपके बिना अधूरे मेरे लम्हात हैं।
बिन बोले समझ जाइए अब
तो जो ये मेरे हालात हैं।
कैसे करूं मैं बयां जो
दिल के जज्बात हैं।
आपको देखकर लगता है ऐसे जैसे आप
मेरे लिए खुदा की भेजी खास सौगात हैं।