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4 Jul 2024 · 1 min read

आपकी कुछ और ही बात है

यूं तो मिलते थे रोज़ ही कुछ लोग
पर आपकी कुछ और ही बात है।

आपके आने से जैसे हर दिन
उजला और चांदनी हर रात है।

आपके लिए हो न हो पर मेरे लिए
जरूरी एक मुलाकात है।

कैसे कहूं कि कहां नहीं हो आप
अब तो आपके बिना अधूरे मेरे लम्हात हैं।

बिन बोले समझ जाइए अब
तो जो ये मेरे हालात हैं।

कैसे करूं मैं बयां जो
दिल के जज्बात हैं।

आपको देखकर लगता है ऐसे जैसे आप
मेरे लिए खुदा की भेजी खास सौगात हैं।

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