आन के जियान कके
आन के जियान कके काटs जनि चानी
सुतरि जाई जहिया उतरि जाई पानी
चाभत रहे दही रोज चभकल बिलरिया
लबदा से भेंट भइल छटकल गतरिया
आ गइल इयाद ओ बिलरिया का नानी
सुतरि जाई जहिया उतरि जाई पानी
चुअला से तरकुल जो माथा कुँचइहें
फिर – फिर सियार नाहीं ताड़े तर जइहें
बिसरी ना तरकुल के हँइचल निशानी
सुतरि जाई जहिया उतरि जाई पानी
दुसरा में चोरी से जालि जनि फेंकs
अवधू हो अपने पोखरिया तूँ छेंकs
गिरो जनि तहरे मछरिया पर घानी
सुतरि जाई जहिया उतरि जाई पानी
रचनाकार – अवध किशोर ‘अवधू’
ग्राम – बरवाँ ( रकबा राजा )
पोस्ट – लक्ष्मीपुर बाबू
जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश
पिन नंबर- 274407
मोबाइल नंबर – 9918854285