आने वाले साल
करो मनांगन प्रफुल्लित, आने वाले साल
खिले तबस्सुम खुशी के , मिले सूरों से ताल
नयी स्फूर्ति नव उमंग हो , आशा का संचार
मीत प्रेम से पगे हो , मन में न हो कुविचार
देह रहित हो व्याधि से , काया रहे निरोग
मूल मन्त्र जिन्दगी का , करो सदा तुम योग
मिले वस्त्र हर दीन को , भूख से न लाचार
पीड़ा सबकी हरेगें , नये साल उपहार
विकसे सरोज सदृश जन ,पाये प्रगति अपार
द्वार विराजे लक्ष्मी , करो माँ का आभार
तिमिर मनस के दूर हो , बजे दुन्दुभी नाद
हस्त पाद हो शक्तिमय , पाओ ऐसी खाद
सकारात्मक सोच हो, भगवते बख्शे ज्ञान
त्रिदेव बसते रहे मन , रखे बुजुर्गे मान