Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2022 · 3 min read

आने वाला भविष्य बेहद कम मानवता वाला होगा।

हमें वाणी पर ध्यान देने की ज़रूरत है। अगली बार सरकार जिसकी भी बने उनसे दिली गुज़ारिश है कि अपने कार्यकाल में राज्य के हरेक गाँव/क़स्बे में एक-एक भाषाविद नियत वेतन पर तैनात करें; जिससे गाँव/मोहल्ला वाले अपनी बोली/वाणी में कुछ तो सगोर ला सके।

मैं जब बचपन में था तो अपने क्षेत्र के उन छोटे-बड़े लोगो को सुनता और देखता था फिर सोचता था- वाह बंधा हो तो ऐसा हो फिर मैं रोज़ाना प्रण लेता था कि जब बड़ा बनूँगा तो इन्ही की तरह बनूँगा एकदम जोशीला, नेताटाइप और सज्जनदार।
लेकिन मैं जैसे-जैसे बड़ा हुआ तो पता चला कि हमें तो भ्रम में जीना सिखाया जा रहा है। झूठी शान के साथ। हम जो देख रहे हैं वैसा कुछ है ही नहीं। वो मंच पर बोलने वाले क्षेत्रीय नेता तो अपना उल्लू सीधा करते हैं जनता को बरगला दिया जाता है। मास्टर साहब जो बच्चों के मागर्दर्शन किया करते थे वे शाम को चिलम पीते हैं। दारू पीकर अनाप शनाप बकते हैं; मा-साब जैसी उनके अंदर कोई बात ही नहीं है। पहले-पहल बच्चों से छुपकर बाद में बच्चों के साथ ही शुरू हो जाते थे और गालियाँ! गालियाँ ऐसे देते हैं मा साब मानों उन्होंने गाली विषय में पीएचडी की हो।
मूछों पर ताव रखने वाले बोड़ा जी जिनसे अक्सर सभी डरा करते थे उनकी हकीकत ये थी कि वे दूसरे गाँव किसी औरत से पिटे थे अश्लील हरकतों की वजह से। पड़ोसी अंकल जो आर्मी से रिटायर्ड थे जिनकी बहुत इज्जत थी एक दफ़े अपने ही गाँव में अपनी बेटीउम्र लड़की से गुपचुप संबंध करते हुवे सरेआम पकड़े गए। क्षेत्र के एक बहुत ही सज्जन, ईमानदार एवं सामाजिक आदमी; वे हमेशा युवाओं को मोटिवेड करते थे “सही राह की बातें करते थे” लाइफ से जुड़े तमाम मुद्दों पर बच्चों एवं युवाओं को प्रोत्साहित किया करते थे।
एक शाम उन्होंने चौक पर बैठकर बच्चों को किसी बड़े स्टार के सुसाइड पर चर्चा की और कहा- सुसाइड तो डरपोक लोग करते हैं; मूर्ख होते हैं वो। उसी रात घर पर मामूली सी बात पर झगड़े हुवे और वे सुबह गाँव के बगल गधेरे में किसी पेड़ पर फाँसी पर लटके मिले।

मोरल! हम जिन्हें इज्जत देते थे या जिन्हें मानते थे ऐसा नहीं कि वे उस लायक नहीं थे बात सिर्फ ये है कि हमने उन्हें उस लिहाज़ से माना जिस लिहाज़ से वे हमारे सामने पेश हुवे। आज हमनें मानवता का इंतकाल कर दिया है, हम किसी की अगर मदद भी कर रहे हैं तो मतलब की भावना से। वरन जिसके पास, आगे-पीछे कुछ नहीं उसे कोई मुँह नहीं लगाता। सरकारें भी ऐसी ही रवैया अपनाती है उन्हें मालूम है कि इस क्षेत्र से मुझे गिने-चुने वोट मिलते हैं यहाँ अंतिम समय लॉली पाप से काम चल जाएगा।
इंसानों में इंसानियत बस नाममात्र का रह गया है। समय ऐसा आ गया कि इज्जतदार को नमस्कार बोलने में घृणा आने लगी है। किसी को कुछ बताने से या देने से वो तुम्हें तिरछी नज़रों से देखने लगा है। ”हम अपनी परेशानियों से परेशान नहीं बल्कि दूसरों के ऐशो-आराम से परेशान हैं।” गाँव के बोड़ा-बोडी लोगो में अब वो वाली बात नहीं रही। थोकदार साहब अब टशनबाज़ी में चलते हैं। कल के बच्चे नमस्कार तक नहीं करते हालांकि मा-बाप के नज़रों में उनके बच्चों जैसे संस्कारी कोई हैं ही नहीं। “सच ये है कि सबके एक जैसे हैं।”
रिश्ते दिखलावटी हो गए- उन्होंने गले का हार नहीं दिया तो हम भी दहेज में भकार क्यों दें? “हम इस काल के अंतिम लोग हैं जो डर के मारे मा-बाप की थोड़ी बहुत तो इज्जत कर लेते हैं” आने वाला भविष्य बेहद कम मानवता वाला होगा।

इति श्री

✍️ Brijpal Singh
Dehradun, Uttarakhand

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
if you have not anyperson time
if you have not anyperson time
Rj Anand Prajapati
बिखर के भी निखरना है ,
बिखर के भी निखरना है ,
Neeraj kumar Soni
*** सफलता की चाह में......! ***
*** सफलता की चाह में......! ***
VEDANTA PATEL
मौसम तुझको देखते ,
मौसम तुझको देखते ,
sushil sarna
भाई-बहिन का प्यार
भाई-बहिन का प्यार
Surya Barman
अदब और अदा में बड़ा अंतर होता है हुज़ूर,
अदब और अदा में बड़ा अंतर होता है हुज़ूर,
Anand Kumar
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
9 .IMPORTANT REASONS WHY NOTHING IS WORKING IN YOUR LIFE.🤗🤗🤗
9 .IMPORTANT REASONS WHY NOTHING IS WORKING IN YOUR LIFE.🤗🤗🤗
पूर्वार्थ
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
*याद तुम्हारी*
*याद तुम्हारी*
Poonam Matia
हालातों का असर
हालातों का असर
Shyam Sundar Subramanian
बड़े वे भाग्यशाली दोस्त जिनके साथ चलते हैं
बड़े वे भाग्यशाली दोस्त जिनके साथ चलते हैं
Dr Archana Gupta
दिल  किसी का  दुखाना नही चाहिए
दिल किसी का दुखाना नही चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
" शबाब "
Dr. Kishan tandon kranti
उसने कहा,
उसने कहा, "क्या हुआ हम दूर हैं तो,?
Kanchan Alok Malu
बदले में
बदले में
Dr fauzia Naseem shad
सेवा निवृत काल
सेवा निवृत काल
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
gurudeenverma198
**वसन्त का स्वागत है*
**वसन्त का स्वागत है*
Mohan Pandey
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
*दुनियादारी की समझ*
*दुनियादारी की समझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गृहणी
गृहणी
Sonam Puneet Dubey
तेरे दर पे आये है दूर से हम
तेरे दर पे आये है दूर से हम
shabina. Naaz
*कुछ शेष है अब भी*
*कुछ शेष है अब भी*
अमित मिश्र
शीर्षक बेटी
शीर्षक बेटी
Neeraj Agarwal
4750.*पूर्णिका*
4750.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...