आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत मे
आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत में ही संभव है, चिंता और क्रोध केवल भविष्य में ही संभव है, यह आपका निर्णय है कि आप कैसे जीते हैं।
– रविकेश झा
आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत में ही संभव है, चिंता और क्रोध केवल भविष्य में ही संभव है, यह आपका निर्णय है कि आप कैसे जीते हैं।
– रविकेश झा