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10 Nov 2024 · 1 min read

आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत मे

आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत में ही संभव है, चिंता और क्रोध केवल भविष्य में ही संभव है, यह आपका निर्णय है कि आप कैसे जीते हैं।
– रविकेश झा

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