आनंद और खुशी!
मानव पूरी जिंदगी में आंनद की तलाश करता रहता है। पर!वह आनंद को प्राप्त नही कर सकता है? लेकिन आंनद उसके आसपास ही रहता है। आनंद के प्रकार——+१–+सुख २–खुशी ३–++मजा ४,–तृप्ति ——————————ये आंनद के चार प्रकार होते हैं।१–सुख वह स्थति है,जो कि थोड़ी देर के लिए आता है और जल्दी चला भी जाता है।२—–खुशी वह स्थति है कि उसे मनुष्य महसूस कर सकता है। और वह भी क्षणिक होती है।३—–मजा—मजा किसी भी स्थिति में प्रकट होता है। जैसे हमने किसी भी वस्तु का उपयोग किया और वह। हमें स्वादिष्ट लगी ,तब मजा आता है।४–तृप्ति—-किसी वस्तु का सेवन करने के बाद हम पूरी तरह से संतुष्ट हो जाना ही तृप्ति कहलाती है।अब सवाल उठता है कि,हम आनन्द तक कैसे पहुंचे? मानव संन्यासी जीवन जी कर ही आंनद तक पहुंच सकता है।मानव ध्यान और योग से ही आंनद को प्राप्त कर सकता है। क्योंकि आंनद पाने के लिए चिंता मुक्त होना बहुत जरुरी है। नही तो आप आंनद की तलाश करते ही रहोगे।