Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

आदिवासी होकर जीना सरल नहीं

आदिवासी होकर जीना सरल नहीं है
=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-
आदिवासी होना
खूबसूरत है लेकिन
आदिवासी होकर जीना
सरल नहीं है….
खूबसूरत इसलिए क्योंकि
आदिवासी छल नहीं करते
दूसरों की भर्त्सना में
व्यर्थ एक पल नहीं करते
उन्हें प्रेम है
फूल से, पेड़ से, पत्तियों से
उन्हें लगाव है
अपनी सुदूर एकाकी बस्तियों से
उनके नृत्य में
सम्मोहक लय ताल है
रोटी और चटनी में
स्वाद वाकई कमाल है
चाहे जिसका देख लो
बैंक बेलेन्स जीरो मिलेगा
चटकीला कमीज, काला चश्मा
हर युवक हीरो मिलेगा
और समाजों में हो न हो
मगर यहाँ नारी सम्मान है
मैंने खुद देखा
इन्हें बेटियों पर अभिमान है
भूखे पेट और नंगे पैर
मीलों पैदल चल सकते हैं
आजमा लेना आपके लिए
दीपक बनकर जल सकते हैं…
आदिवासी होकर जीना
कठिन है बहुत क्योंकि
बारिश में झोपड़ी जलमग्न हो जाती है
और अगर जल न बरसे तो
जीवन की हर उम्मीद भग्न हो जाती है
रेंगते हुये पहुँच रही है शिक्षा
अब तो कुएं भी दम तोड़ गए हैं
रोजी रोटी की जद्दो-जहद में
जाने कितने अपने गाँव छोड़ गए हैं
कल के बंदोबस्त का कौन कहे
आज का भी कुछ पक्का नहीं है
कभी घर में दाल नहीं तो
कभी मुट्ठी भर भी मक्का नहीं है
दिक्कतें इतनी हैं कि
सोचकर भी आँखें भर आती हैं
इनका संघर्ष देखते हुये
दिल की धड़कनें ठहर जाती हैं।।
:राकेश देवडे़ बिरसावादी

Tag: Poem
1 Like · 108 Views

You may also like these posts

अड़बड़ मिठाथे
अड़बड़ मिठाथे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
ruby kumari
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
डॉ. शिव लहरी
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
अजहर अली (An Explorer of Life)
लड़के
लड़के
पूर्वार्थ
जीवन का मूल्य
जीवन का मूल्य
Shashi Mahajan
करें सभी से प्रीत
करें सभी से प्रीत
अवध किशोर 'अवधू'
विषय-संसार इक जाल।
विषय-संसार इक जाल।
Priya princess panwar
नज़र
नज़र
Shakuntla Shaku
*लय में होता है निहित ,जीवन का सब सार (कुंडलिया)*
*लय में होता है निहित ,जीवन का सब सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
देखते रहे
देखते रहे
surenderpal vaidya
शायरी
शायरी
डॉ मनीष सिंह राजवंशी
सत्य
सत्य
Ruchi Sharma
अजीब बात है
अजीब बात है
shabina. Naaz
वो दिन
वो दिन
Naman kumar Jaswal
शायर का मिजाज तो अंगारा होना चाहिए था
शायर का मिजाज तो अंगारा होना चाहिए था
Harinarayan Tanha
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
Pramila sultan
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*प्रणय*
#हक़ीक़त
#हक़ीक़त
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
नई सोच नया विचार
नई सोच नया विचार
कृष्णकांत गुर्जर
__________सुविचार_____________
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
Keshav kishor Kumar
जिस अंधकार से विचलित तुम
जिस अंधकार से विचलित तुम
Priya Maithil
सरदार
सरदार
Satish Srijan
4513.*पूर्णिका*
4513.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
झूठ का दामन चाक किया,एक हकीकत लिख आए। चाहत के मोती लेकर एहसास की कीमत लिख आए। प्यार की खुशबू,इश्क ए कलम से,खत में लिखकर भेजा है।
झूठ का दामन चाक किया,एक हकीकत लिख आए। चाहत के मोती लेकर एहसास की कीमत लिख आए। प्यार की खुशबू,इश्क ए कलम से,खत में लिखकर भेजा है। "सगीर" तितली के पंखों पर हम अपनी मोहब्बत लिख आए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...