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22 Feb 2022 · 1 min read

आदाब अर्ज है

डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक *अरुण अतृप्त

“ बेचैनियां जब आती है कलम उठती है लिखने को ||
लोग कहते हैं तुमने आदत बना ली है, बहाना है न मिलने को “||

बचपन बहुत असहाय था जवानी गुजरी रोटी रोजी जुटाने को ||
अब ढलती उम्र है मेरी फ़क़त ता उम्र की कहानी सुनाने को ||

Language: Hindi
Tag: शेर
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