Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

आदमी

आदमी
———-
अच्छे बुरे का जाल
बुन रहा है आदमी

अपने बुने जाल में
फँस रहा है आदमी

उजले कामों से ही
डर रहा है आदमी

धड़ल्ले से काले तो
कर रहा है आदमी

नित्य अपनी आत्मा
बेच रहा है आदमी

साम दाम दंड भेद
कर रहा है आदमी

तब भी नहीं प्रसन्न
स्वयं से ही आदमी

लक्ष्य कौन सा चुनूँ
भ्रमित हुआ आदमी

स्वयं ही बना अरि
देख तो ले आदमी

मारने को उठ रहा
आदमी को आदमी

ईश्वर भी चकित है
क्या कर रहा आदमी।
~~~~~~~~~~~~~~
डा० भारती वर्मा बौड़ाई

2 Likes · 43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all

You may also like these posts

सरयू
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
कैक्टस
कैक्टस
Girija Arora
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
sushil sarna
अपना भी नहीं बनाया उसने
अपना भी नहीं बनाया उसने
कवि दीपक बवेजा
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
कल तुम्हें याद किया, याद किया परसों भी।
कल तुम्हें याद किया, याद किया परसों भी।
Priya princess panwar
हमारी आंखों में
हमारी आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
Sushila joshi
अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
अरशद रसूल बदायूंनी
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या शर्म
क्या शर्म
Kunal Kanth
पितृ तर्पण
पितृ तर्पण
Sudhir srivastava
जीवन पथ
जीवन पथ
Dr. Rajeev Jain
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
हमको तन्हा छोड़ गया
हमको तन्हा छोड़ गया
Jyoti Roshni
शहीद
शहीद
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मोबाईल
मोबाईल
Ruchi Sharma
चीख को लय दो
चीख को लय दो
Shekhar Chandra Mitra
वह एक हीं फूल है
वह एक हीं फूल है
Shweta Soni
वर्तमान भारत
वर्तमान भारत
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
Kanchan Alok Malu
कसौटी है प्यार की...
कसौटी है प्यार की...
Manisha Wandhare
बस यूं ही कुछ हो गया था।
बस यूं ही कुछ हो गया था।
Kumar Kalhans
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
The best way to live
The best way to live
Deep Shikha
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
DrLakshman Jha Parimal
Loading...