जनता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सब कुछ कह लेने के बाद भी कुछ बातें दफ़्न रह जाती हैं, सीने क
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
जिंदगी में आज भी मोहब्बत का भरम बाकी था ।
'डोरिस लेसिगं' (घर से नोबेल तक)
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
Remembering that winter Night