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6 Jun 2021 · 1 min read

आदमी

महज़ इस्तेमाल होता है आदमी ।
फक़त ख़्याल खोता है आदमी।
चलकर सँग जमीन पे अपनो के,
हसरते आसमां पे सोता है आदमी ।
…….विवेक दुबे”निश्चल”@…

Language: Hindi
400 Views
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