“आत्म-मुग्ध” व “आत्म-केंद्रित” लोगों की मानवोचित व संवेदनात्
“आत्म-मुग्ध” व “आत्म-केंद्रित” लोगों की मानवोचित व संवेदनात्मक परवाह प्राय:
“अपराध-बोध” व “आत्म-ग्लानि” का कारण बनती है।
😢प्रणय प्रभात😢
“आत्म-मुग्ध” व “आत्म-केंद्रित” लोगों की मानवोचित व संवेदनात्मक परवाह प्राय:
“अपराध-बोध” व “आत्म-ग्लानि” का कारण बनती है।
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