आत्महत्या
आत्महत्या
एक छोटा सा शब्द है आत्महत्या
स्वयं की हत्या, स्वयं के द्वारा
प्रभु ने हमें इस धरातल
पर भेजने से पहले
कुछ तो सोचा होगा ?
आखिर क्यों उसने हमको
मानव शरीर देकर
इस भूमि पर भेजा है!
हम अपनी थोड़ी सी
स्वार्थता के कारण
कमजोर पड़ते
हौसलों के कारण
एक दूसरे से
ईर्ष्या के कारण
पारिवारिक समस्याओं के कारण
उलझते रिश्तो के कारण
सामाजिक परिवेश में
बदलते परिवेश के कारण
अन्य कितने कारणो के कारण
हम आत्महत्या कर लेते हैं।
जिसका कोई औचित्य ही नहीं बैठता
औचित्य बैठता है तो
कर्मठता ईमानदारी, साहस
और प्रेम पूर्वक अपने जीवन
को सफल बनाने के साथ-साथ
अपने परिवार की खुशियों
का भी ध्यान रखना चाहिए।
हरमिंदर कौर ,अमरोहा
@@ मौलिक/ स्वरचित रचना