आत्मसम्मान
“किसी भी कीमत पर अपने आत्मसम्मान से कभी भी समझौता न करें, चाहे आप कितने भी लाचार क्यों न हों जाएं…
आपके शुभचिंतक या जिनसे आपका रिश्ता है तो सिर्फ उनकी खुशी के लिए ही सबकुछ ना करें …
क्योंकि एक दिन निश्चित रूप से आता है, जब आप स्वयं से सवाल करतें हो दूसरों के हिसाब से चला तो सब खुश हुए मगर अपनी खुशी के लिए ?
फिर खुद से सामना करने के लिए कठिन होगा और वो पल वास्तव में दर्दनाक होगा”…
भविष्य और लोगों को सोचकर अपना आज घुटकर ना जीऐ कोई भी फैसला लेने से पहले सोचें, जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
शिव प्रताप लोधी