Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2024 · 1 min read

आता है संसार में,

आता है संसार में,
कौन किसी के काम ।
काम निकाला सब चले,
अपने -अपने धाम ।।

सुशील सरना / 29-4-24

96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
☺️भागवत-मंथन☺️
☺️भागवत-मंथन☺️
*प्रणय*
3529.🌷 *पूर्णिका*🌷
3529.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
*नुक्कड़ की चाय*
*नुक्कड़ की चाय*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ये ज़िंदगी भी अजीब है यारों!
ये ज़िंदगी भी अजीब है यारों!
Ajit Kumar "Karn"
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
हम तुम्हें
हम तुम्हें
Dr fauzia Naseem shad
भूल
भूल
Neeraj Agarwal
रोला छंद. . .
रोला छंद. . .
sushil sarna
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
Phool gufran
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
manjula chauhan
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे  दिया......
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
Rakesh Singh
"इस तरह"
Dr. Kishan tandon kranti
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
“जागू मिथिलावासी जागू”
“जागू मिथिलावासी जागू”
DrLakshman Jha Parimal
हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं।
हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं।
अर्चना मुकेश मेहता
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*Perils of Poverty and a Girl child*
*Perils of Poverty and a Girl child*
Poonam Matia
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
डॉ.सीमा अग्रवाल
श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)
श्री महेंद्र प्रसाद गुप्त जी (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
आशार
आशार
Bodhisatva kastooriya
हम
हम
Adha Deshwal
बाण मां रा दोहा
बाण मां रा दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...