“आतंकवाद” हाइकु
“आतंकवाद”हाइकु
(1)गिद्द नज़र
मौत के सौदागर
ये घुसपैठी।
(2)मेरी ज़ुबानी
दहशती बोलियाँ
लहू कहानी।
(3)आतंकवाद
दरिंदगी का नाम
रोए इंसान।
(4) है अमानुष
तेज़ाब सा हैवान
खूनी शैतान।
(5)आतंकी छली
हृदय विदारक
चालें चलते।
(6)शैतानी चाल
ओढ़े खूनी चादर
छीने सपने।
(7)खौफ़ दिखाते
षड़यंत्र रचाते
लहू बहाते।
(8)करें संहार
बंदूकें हथियार
उजड़ी बस्ती।
(9)बेबस चींखें
खूनामही हो गिरा
सिंदूर धुला।
(10)ध्येय हमारा
एकजुट हो जाओ
देश बचाओ।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”