#आज_की_सार्थकता
#आज_की_सार्थकता
■ अग्रिम मंगलकामनाएँ
(प्रणय प्रभात)
अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक प्रभु श्री राम का अस्तित्व नकारने वाली राजनैतिक शक्तियों की कुत्सित सोच पर सशक्त लेखनी से तार्किक प्रहार कर कालजयी रचना के लिए वैश्विक ख्याति व लोक प्रतिष्ठा अर्जित करने वाले ओजस्वी गीतकार व अनुजवत मित्र डॉ. कमलेश शर्मा आज गृह-वाटिका में पधारे। एक लंबे अंतराल के बाद भी वही सहज-सरल आत्मीयता और अपनत्व। साथ रहे कर्णप्रिय वाणी के धनी, अनगिनत चर्चित व मंचजयी गीतों के समर्थ गीतशिल्पी भाई राजकिशोर राज, जो बीते कुछ वर्षों में मेरे ही नहीं, मेरे पूरे परिवार के अति-आत्मीय बन गए हैं। अत्यंत प्रियभाषी, सौम्य और व्यवहार-कुशल।
दोनों के साथ साहित्यिक विमर्श आज की उपलब्धि रहा। आप दोनों आज मेरी नगरी के मेला मंच के सम्मानित अतिथि हैं। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आपकी उपस्थिति एक बार फिर रेखांकित हो। मेरी अग्रिम मंगलकामनाएं। देवाधिदेव श्री हजारेश्वर महादेव की अनंत-असीम कृपा आप पर सदैव बनी रहे। यह हृदय से प्रार्थना है। मौसम अनुकूल होता तो प्रत्यक्ष रूप से श्रवण-लाभ लेता। आगे जैसी इच्छा राम जी की।