अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
"What comes easy won't last,
हे कौन वहां अन्तश्चेतना में
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
कई बार मेरी भूल भी बड़ा सा ईनाम दे जाती है,
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
*बाजारों में जाकर देखो, कैसी छाई दीवाली (हिंदी गजल)*
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्