छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
आकांक्षा पत्रिका समीक्षा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मुहब्बत है ज़ियादा पर अना भी यार थोड़ी है
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
वृद्धावस्था
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,