चितौड़ में दरबार डोकरी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
मन अलग चलता है, मेरे साथ नहीं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
*एक साथी क्या गया, जैसे जमाना सब गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
"बेल की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।