आज हैं कल हम ना होंगे
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आज हैं कल हम ना होंगे
इस जहाँ में
समय सबका कुछ और होगा !
बिखर कर टूट जाएं फुट जाएं
इस धरा पर
हाथ फिर मलना पड़ेगा !! @ परिमल
आज हैं कल हम ना होंगे
इस जहाँ में
समय सबका कुछ और होगा !
बिखर कर टूट जाएं फुट जाएं
इस धरा पर
हाथ फिर मलना पड़ेगा !! @ परिमल