आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं…
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं…
जहाॅं ना बायें ना ही दायें जा सकते!
सभी यहाॅं अपने ज़िद पे अड़े हैं…
हम कतई नहीं उन्हें समझा सकते!
…. अजित कर्ण ✍️
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं…
जहाॅं ना बायें ना ही दायें जा सकते!
सभी यहाॅं अपने ज़िद पे अड़े हैं…
हम कतई नहीं उन्हें समझा सकते!
…. अजित कर्ण ✍️