आज हमारी बातें भले कानों में ना रेंगे !
आज हमारी बातें भले कानों में ना रेंगे !
कल कोई गांडीवधारी आ के रण में
हुंकार करके महाभारत ना रच दें !!
@ डॉ लक्ष्मण झा परिमल
आज हमारी बातें भले कानों में ना रेंगे !
कल कोई गांडीवधारी आ के रण में
हुंकार करके महाभारत ना रच दें !!
@ डॉ लक्ष्मण झा परिमल