Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2018 · 1 min read

आज सखी प्रिय वर आयेगे

तिथि – 23/7 /2018

आज सखी प्रियवर आयेगे,
स्वागत में दीप जलाओ।

घर-आँगन फूलों से भर दो,
धरती-आकाश सजाओ।

झोका आया है मधुवन में,
साजन का संदेश लिए –

दुल्हन जैसा रूप सजा दो,
सोलह श्रृंगार कराओ।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
2 Likes · 186 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
Seema gupta,Alwar
4025.💐 *पूर्णिका* 💐
4025.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
Ravi Prakash
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
कवि रमेशराज
मोहब्बत-ए-सितम
मोहब्बत-ए-सितम
Neeraj Mishra " नीर "
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
अज़ीयत को
अज़ीयत को
Dr fauzia Naseem shad
*पत्थरों  के  शहर  में  कच्चे मकान  कौन  रखता  है....*
*पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है....*
Rituraj shivem verma
*** मां की यादें ***
*** मां की यादें ***
Chunnu Lal Gupta
मां तो फरिश्ता है।
मां तो फरिश्ता है।
Taj Mohammad
आक्रोष
आक्रोष
Aman Sinha
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
Neelofar Khan
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
Sonam Puneet Dubey
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
Mahender Singh
गजब है उनकी सादगी
गजब है उनकी सादगी
sushil sarna
सच की माया
सच की माया
Lovi Mishra
मोहब्बत का पहला एहसास
मोहब्बत का पहला एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नये साल के नये हिसाब
नये साल के नये हिसाब
Preeti Sharma Aseem
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
Sanjay ' शून्य'
क्या रावण अभी भी जिन्दा है
क्या रावण अभी भी जिन्दा है
Paras Nath Jha
भजन
भजन
सुरेखा कादियान 'सृजना'
🙅सियासी मंडी में🙅
🙅सियासी मंडी में🙅
*प्रणय प्रभात*
"रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
Phool gufran
Destiny's epic style.
Destiny's epic style.
Manisha Manjari
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
Loading...