*आज रात है जश्न की (भक्ति गीत)*
आज रात है जश्न की (भक्ति गीत)
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खुशी मनाओ आज रात सब, आज रात है जश्न की
(1)
आज रात थे बादल बरसे, यमुना थी उफनाई
आज रात को खुशी, देवकी ने गोकुल पहुॅंचाई
आज रात वसुदेव चले थे, नदिया पार उतरने
आज रात खुल गए जेल के फाटक मंगल करने
आज मिली उत्तर- कुंजी, हर अत्याचारी प्रश्न की
(2)
आज रात को नंद-यशोदा किस्मत पर इतराए
आज रात को जन्म धरा पर लेने ईश्वर आए
आज रात की कथा हिंद की, मथुरा-वृंदावन की
आज रात की कथा मनुज- हितकारी प्रिय पावन की
भादो बदी अष्टमी सुंदर, तिथि है जन्में कृष्ण की
खुशी मनाओ आज रात सब, आज रात है जश्न की
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451