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14 Jun 2021 · 1 min read

आज मैं हूँ धरा और तुम हो गगन

आज मैं हूँ धरा और तुम हो गगन
लग रहा अब न होगा हमारा मिलन

ये न सोचा बदल इस कदर जाओगे
अपनी हर बात से ही मुकर जाओगे
आज झूठे हुए सब तुम्हारे वचन
लग रहा अब न होगा हमारा मिलन

थाम तुमने लिया दर्प का हाथ है
नाम को बस हमारा रहा साथ है
बन गए फूल भी कंटकों की चुभन
लग रहा अब न होगा हमारा मिलन

महफ़िलों में सदा मुस्कुराते रहे
पीर अपनी सभी से छुपाते रहे
हम अकेले निभाते कहाँ तक चलन
लग रहा अब न होगा हमारा मिलन

प्यार की तो जुदाई रही रीत है
हार में ही लिखी प्यार की जीत है
तुमने फिर भी किया जीतने का जतन
लग रहा अब न होगा हमारा मिलन

14-06-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
Tag: गीत
6 Likes · 7 Comments · 329 Views
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