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*प्रणय*
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19 Apr 2023 · 1 min read
“आज मग़रिब से फिर उगा सूरज।
“आज मग़रिब से फिर उगा सूरज।
आज फिर उसको मेरी याद आई।।”
■प्रणय प्रभात■
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