आज फिर गणतंत्र दिवस का
आज फिर गणतंत्र दिवस का,ऐसा उत्सव आया है।
जनता ने संविधान का, दिल से यशोगान गाया है।।
आज फिर गणतंत्र दिवस ——————।।
इस दिन भारत का संविधान, लागू हुआ था भारत में।
अधिकार कई संविधान से,मिले लोगों को भारत में।।
संविधान से ही भारत को , ऐसा गणतंत्र मिल पाया है।
भारत में हर मानव का जिसने, जीवन स्वर्ग बनाया है।।
आज फिर गणतंत्र दिवस——————।।
धन्य हैं हम भारतवासी, जन्म हमारा यहाँ जो हुआ।
ऋषि- मुनियों,महापुरुषों से, यह देश सुशोभित हुआ।।
जिनके ज्ञान- कर्मों से भारत, विश्वगुरु कहलाया है।
इस भारत में गणतंत्र से, फिर से स्वर्णयुग आया है।।
आज फिर गणतंत्र दिवस—————-।।
वह मानव महामानव है, जिसने यह संविधान लिखा।
हर जाति और धर्म का, जिसने इसमें सम्मान लिखा।।
न्याय मिले दीन-दुःखियों को , ऐसा कानून बनाया है।
भारत का सिर-झण्डा विश्व में, गर्व से ऊंचा उठाया है।।
आज फिर गणतंत्र दिवस——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)