115. आज तुम्हारा जन्मदिन है
आज तुम्हारा जन्मदिन है,
मैं कैसे भुल जाऊँ ।
प्यार जो करता काफी तुमसे,
तुझपे प्यार लुटाऊँ ।।
उस नन्हें नन्हें हाथों को जो,
मैं हूँ याद करता ।
तुम्हें गोद में लेने से भी मेरा,
मन कभी न भरता ।।
बड़ा होकर भी तेरे साथ मैं,
खूब शरारत करता ।
तब जाकर इस दिल को मेरे,
बहुत सुकून मिलता ।।
तेरा वो बदमाशी करना,
मुझको खूब था भाता ।
इसके लिए तो तेरे साथ मैं,
खूब शरारत करता ।।
तेरे बिन बेटा अब मुझको,
मन कहीं नहीं लगता ।
तू जो न होता तो ये मेरा,
संसार सूना हो जाता ।।
कुदरत का करिश्मा है जो तूने,
पापा मुझे बनाया ।
फिर से एक नई जिंदगी जीने का,
हौंसला तूने बढ़ाया ।।
सही राहों पे चलना सीखा,
तेरे कारण ही बेटा ।
आज मैं यहाँ जो कुछ भी हूँ,
इसका श्रेय तुम्हीं को जाता ।।
तेरे बिन मेरा मन नहीं लगता,
जब कहीं चल जाता ।
तू कैसे होगा ये सोच के मुझको,
दिल मेरा घबराता ।।
गर मैं कहीं भी जाता तो,
भगवन से दुआ मैं करता ।
हे भगवन उसकी रक्षा करना,
तू है सबका विधाता ।।
आशीर्वाद है मेरा बेटा,
तुझपे कोई आँच न आये ।
कितनी भी कठिन डगर हो तेरी,
उससे कभी ना तू घबराये ।।
कुछ काम करो,बड़ा नाम करो,
मिलेगी तुझको सफलता ।
हम सबकी दुआ है तेरे साथ,
तुम मत करना कुछ चिंता ।।
आज तुम्हारा जन्मदिन है,
मैं कैसे भुल जाऊँ ।
प्यार जो करता काफी तुमसे,
तुझपे प्यार लुटाऊँ ।।
उस नन्हें नन्हें हाथों को जो,
मैं हूँ याद करता ।
तुम्हें गोद में लेने से भी मेरा,
मन कभी न भरता ।।
बड़ा होकर भी तेरे साथ मैं,
खूब शरारत करता ।
तब जाकर इस दिल को मेरे,
बहुत सुकून मिलता ।।
तेरा वो बदमाशी करना,
मुझको खूब था भाता ।
इसके लिए तो तेरे साथ मैं,
खूब शरारत करता ।।
आज तुम्हारा जन्मदिन है,
मैं कैसे भुल जाऊँ ।
प्यार जो करता काफी तुमसे,
तुझपे प्यार लुटाऊँ ।।
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 04/03/2021
समय – 15 : 40 ( शाम )
संपर्क – 9065388391