आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन
आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन लोगों ने निंन्दा या आलोचना नहीं की हो । राम , कृष्ण, नानकदेव, सुकरात , ईसा , बुध्द , महावीर और गांधी क्या कोई आलोचना से बचे थे ? आलोचना से वही बच सकता हैं , जो बिलकुल निक्कमा और निरुपयोगी आदमी हो । फल वाले वृक्षों पर ही पत्थर फेंके जाते हैं , कंटिली झाडियों पर नहीं । लोगों व्दारा आलोचना किया जाना आपके समक्ष सफल व्यक्तित्व का प्रमाणपत्र है । आप निश्चित होकर वही कीजिए , जिसे आप उचित समझते हैं । लोक निंदा या आलोचना की परवाह बिलकुल न करें । सफलता निश्चित हैं । इसलिए पड़वा की बधाई एवं शुभकामनाएं जी । जय जय माँ लक्ष्मी.।