आज जो यु मिले हो तुम , थोडा अपने से लगे हो तुम
आज जो यु मिले हो तुम , थोडा अपने से लगे हो तुम
ये ख़ामोशी कुछ कहना चाह रही हो, जेसे फिर से गुम होना चाहती हो तुम !
आज ये बदल जो बरसे , फिर से भीग जाना चाहती हो तुम
आज जो यु मिले हो तुम , थोडा अपने से लगे हो तुम !
ये आंखे तुम्हे यादो में खोजती रही , शायद फिर से यादे बनना चाहती हो तुम
तुम्हारे जाने पर उलझ गए थे कुछ सवाल , शायद उन्हें सुलझाने आयी हो तुम !
आज जो यु मिले हो तुम , थोडा अपने से लगे हो तुम
BY Pratik Jangid