आज जानें क्यूं?
ढूंढता हूं मैं कब से…
खुद को खुद में ही…!!
पर मिलता नहीं वजूद…
मेरा कहीं मुझ में ही…!!
ऐ मेरी जिंदगी…
तू कैसी हो गई है…!!
आज जानें क्यूं?..
बड़ी गैर सी लग रही है…!!
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
ढूंढता हूं मैं कब से…
खुद को खुद में ही…!!
पर मिलता नहीं वजूद…
मेरा कहीं मुझ में ही…!!
ऐ मेरी जिंदगी…
तू कैसी हो गई है…!!
आज जानें क्यूं?..
बड़ी गैर सी लग रही है…!!
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️