आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
लेकिन रिश्तों में आज अजनबीपन छाया है ।
रिश्तों की मर्यादा ने सारी सीमाएं लांघ ली हैं ,
यहां अब अपनों ने ही अपनों की जान ली है ।
मौलिक
पूनम दीक्षित
रामपुर, उत्तर प्रदेश
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
लेकिन रिश्तों में आज अजनबीपन छाया है ।
रिश्तों की मर्यादा ने सारी सीमाएं लांघ ली हैं ,
यहां अब अपनों ने ही अपनों की जान ली है ।
मौलिक
पूनम दीक्षित
रामपुर, उत्तर प्रदेश